Definitional Dictionary of Metallurgy (English-Hindi) (CSTT)
Commission for Scientific and Technical Terminology (CSTT)
Hadfield’s manganese steel
हैडफील्ड मैंगनीज इस्पात
ऑस्टेनाइटी मैंगनीज इस्पात में 1-1.4% कार्बन और 10-14% मैंगनीज होता है। अतप्त-कर्मण अथवा तीव्र पृष्ठ-कुटाई से मिश्रातु की कठोरता और अपघर्षण-प्रतिरोध बढ़ जाता है। इस मिश्रातु का अयस्क संदलन निकर्ष बाल्टियों (Dredge buckets) रेलवे तथा ट्रामवे को स्विच पॉयन्टों और पारपथों में महत्वपूर्ण उपयोग होता है। मैंगनीज इस्पात का उपयोग लगभग 1050°C ताप से जल में द्रुत शीतलन करने से प्राप्त ऑस्टेनाइटी अवस्थाओं में होता है।
Hadfield’s steel
हैडफील्ड इस्पात
देखिए– Hadfield’s manganese steel
Heamatite
हेमेटाइट
एक खनिज जिसमें मुख्यतः आयरन ऑक्साइड, Fe₂O₃, होता है। इसमें लगभग 70% लोहा होता है। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण लोह अयस्क है। इसके बहुधा काले क्रिस्टल होते हैं। यह षट्कोणीय समुदाय में क्रिस्टलित होता है। कठोरता 5.5-6.5, आपेक्षिक घनत्व 4.5-5.3।
Hairline crack
केशीय दरार
क्रांतिक तापों पर पर्याप्त तीव्र दर से ठंडा किए गए इस्पातों, विशेष रूप से न्यून-मिश्रातु-इस्पातों में पाए जाने वाली बारीक दरारें। संभवतः ये दरारें धातु के अंदर हाइड्रोजन की उपस्थिति के कारण बनती हैं। इस्पात में टाइटेनियम मिलाकर इन्हें कम किया जा सकता है।
Hall Heroult process
हाल हेरू प्रक्रम
शुद्ध ऐलुमिना के संगलित लवण विद्युत-अपघट्न द्वारा ऐलुमिनियम के उत्पादन का औद्योगिक प्रक्रम। 950°C–1000°C पर क्राइयोलाइट अथवा क्राइयोलाइट और फ्लुओरस्पार के मिश्रण का संगलित विद्युत अपघट्य के रूप में उपयोग किया जाता है जिसमें 5-8% ऐलुमिना मिलाया जाता है। कार्बन आस्तर वाले इस्पात पात्र का कैथोड के रूप में तथा सोडरवर्ग इलेक्ट्रोड अथवा पूर्वभर्जित कार्बन इलेक्ट्रोडों का ऐनोड के रूप में उपयोग किया जाता है। 4.5 वोल्ट पर 7000–8500 ऐम्पियर प्रति वर्गमीटर की धारा प्रवाहित कर तापन और अपचयन किया जाता है। ऐलुमिना का अपघटन हो जाता है और गलित ऐलुमिनियम, सेल के पैंदे पर जमा हो जाता है। जहाँ से उसे समय समय पर निकाल लिया जाता है। सेल के शीर्ष से कार्बन मोनोक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकल जाते हैं।
Hall process
हाल प्रक्रम
देखिए–Hall Heroult process
Hammering
घन ताड़न
धातु के टुकड़े अथवा चादर को पीटकर वांछित आकार में बदलना। इस क्रिया में किसी ढाँचे अथवा उच्च गति के यांत्रिक हथौड़े और समान निहाई (Anvil) का उपयोग किया जाता है ताकि वांछित आकार प्राप्त किया जा सके।
Hammer scale
घन ताड़न शल्क
लोहे अथवा इस्पात को फोर्जन के लिए गरम करने पर उसके पृष्ठ पर बनने वाली आयरन ऑक्साइड की परत।
तुलना– Mill scale
Hammer welding
घन वैल्डिंग
देखिए– Forge welding
Hand moulding
हस्त संचन
देखिए– Moulding
Hanover metal
हैनोवर धातु
कम घर्षण और उत्तम कठोरता वाला मिश्रातु जिसमें 87% वंग, 8% ऐन्टिमनी और 5% तांबा होता है। इसका उपयोग बेयरिंगों में किया जाता है।
Hansgrig Process
हेन्सगिर्ग प्रक्रम
मैग्नीशियम ऑक्साइड का कार्बन के साथ अपचयन कर मैग्नीशियम बनाने की विधि। इसे रैडेंथिन प्रक्रम भी कहते हैं।
Hardenability
कठोरणीयता
शमन द्वारा उत्पन्न कठोरता की गहराई और वितरण को निर्धारित करने का गुणधर्म। इसे प्रायः सापेक्ष रूप से व्यक्त किया जाता है और यह क्रांतिक शीतलन-दर से संबंधित होता है। क्रांतिक शीतलन दर वह दर है जिस पर और जिसके ऊपर पूर्णतया मार्टेन्साइटी संरचनाएँ बनाती हैं। क्रांतिक शीतलन दर अथवा कठोरणीयता मुख्यतः संघटन का फलन होती है, यद्यपि समान संघटन के इस्पातों की भिन्न कठोरणीयता और एक ही साँचे के इस्पातों में पर्याप्त भिन्नता हो सकती है। शमन के फलस्वरूप सीमित परिच्छेद आमाप (Section size) को ही पूर्णतया कठोर किया जा सकता है। सादे कार्बन इस्पातों का कठोरण कम गहराई तक होता है और मिश्रातुओं को मिलाने से अधिक गहराई तक कठोरण किया जा सकता है।
Hardening
कठोरण
लोह अथवा अलोह धातुओं और उसके मिश्रातुओं की कठोरता बढ़ाना। प्रमुख कठोरण-विधियाँ निम्नलिखित हैं :–
काल कठोरण (Age hardening)– किसी धातु की बनी वस्तु की संरचना में परिवर्तन करने का प्रक्रम जो वायुमंडलीय ताप पर धीरे-धीरे और उच्च ताप पर तीव्र गति से होता है। इसके कारण प्रमाणक प्रतिबल (Proof stress), अधिकतम प्रतिबल और कठोरता बढ़ जाते हैं तथा तन्यता में कमी आ जाती है। ये प्रभाव अतिसंतृप्त ठोस विलयन से अवक्षेपण के फलस्वरूप उत्पन्न होते हैं जिससे काल-प्रभावन के पहले प्रायः उच्च ताप पर विलयन-उपचार किया जाता है। यह अवक्षेप अतिसूक्ष्म होता है। प्रायः इस्पातों के लिए काल-प्रभावन और अलौह मिश्रातुओं के लिए काल-कठोरण शब्दों का प्रयोग किया जाता है। जब काल कठोरण उच्च ताप पर किया जाए तो उसे कृत्रिम काल-प्रभावन कहते हैं और यदि सामान्य ताप पर किया जाए तो उसे प्राकृतिक काल-प्रभावन कहते हैं। प्राकृतिक काल प्रभावन के काण उत्पन्न कठोरण को प्राकृतिक कठोरण कहते हैं। यह प्रक्रम अनेक मिश्रातुओं के साथ किया जा सकता है जिसमें कुछ विशेष प्रकार के इस्पात, ऐलुमिनियम, तांबा, टाइटेनियम, मैग्नीशियम एवं निकैल मिश्रातु सम्मिलित है। काल कठोरण संपन्न होने के लिए मिश्रातु में कुछ ऐसे यौगिकों का बनाना आवश्यक है जो मिश्रातु के मैट्रिक्स में विलयन के रूप में पहुँच सके, अतः इसे अवक्षेपण-कठोरण भी कहते हैं।
परिक्षेपण-कठोरण (Dispersion hardening)– किसी ऐसे पदार्थ के सूक्ष्म कणों के परिक्षेप की उपस्थिति के फलस्वरूप धातु को कठोर बनाना जो धातु के जालकों में विलेय न हो। इसमें प्रयुक्त पदार्थ जालक में अक्रिय कठोर, सबमाइक्रॉन आमाप का और समान रूप से परिक्षिप्त होना चाहिए। इसे परिक्षेपण प्रबलन भी कहते हैं।
अवक्षेपण कठोरण (Precipitation hardening)
देखिए– Age hardening
शमन कठोरण (Quench hardening)– इसमें लोह धातु को क्रांतिक-परास अर्थात् Ac₃ ताप से कुछ अधिक ताप तक गरम करने के बाद पूर्ण विसरण होने तक उसी ताप पर बनाए रखा जाता है और फिर जल, तेल या हवा में ऐसी नियत दर से शमन किया जाता है जो ऑस्टेनाइट/ पर्लाइट रूपांतरण को रोकने अथवा मंद करने और मार्टेन्साइटी संरचना बनाने के लिए पर्याप्त हो। कठोरण प्राप्त करने के लिए न्यूनतम शीतलन-दर, क्रांतिक शीतलन-दर कहलाती है।
Hard facing
कठोर आलेपन
धातु की जो वस्तुएँ अधिक घिसती हैं उनके पृष्ठों पर ऐसी धातुओं या मिश्रातुओं का लेप चढ़ाना जो अधिक घर्षणरोधी हों। कठोर धातु मृदु धातु पर लेपन वेल्डिंग अथवा फुहारण द्वारा किया जाता है। इस विधि का उपयोग, रूपदाओं, खनन औजारों और वेधन-उपस्करों के लिए होता है। इसे कठोर पृष्ठन भी कहते हैं।
Hard metal
कठोर धातु
टंगस्टन, टैन्टेलम अथवा टाइटैनियम के चूर्णित कार्बाइड, जिन्हें चूर्णित कोबाल्ट अथवा निकैल के साथ मिलाकर और फिर अतप्त निपीडन तथा अंत में सिन्टरन के बाद ठोस-संहतियों के रूप में संयोजित किया जाता है। इनका उपयोग कर्तक औजारों, तार-कर्षण, रूपदाओं और ऐसे पुर्जों को बनाने के लिए होता है जिनकी अधिक घिसाई होती है।
Hardness
कठोरता
किसी पदार्थ का वह गुणधर्म जिसके कारण वह बाहरी बलों से उत्पन्न खरोंच, घर्षण, वेधन, दंतुरण, मशीनीयता तथा कर्तन का प्रतिरोध करता है। कठोरता का संबंध (1) धातुओं के तनन-सामर्थ्य (2) घर्षणरोधी गुण (3) ऊष्मा-उपचार के फलस्वरूप होने वाले पायन की मात्रा और (4) धातु की समांगता से होता है।
देखिए– Hardness tester
Hardness test
कठोरता परीक्षण
पदार्थों की कठोरता को मापने का परीक्षण। प्रमुख कठोरता परीक्षण निम्नलिखित है–
ब्रिनेल कठोरता परीक्षण (Brinell hardness test)—इसमें जिस पदार्थ की कठोरता ज्ञात करनी हो उसमें निर्दिष्ट व्यास की इस्पात या कार्बाइड की गेंद को विशिष्ट भार द्वारा बलपूर्वक प्रविष्ट किया जाता है। प्राप्त परिणाम को ब्रिनेल-कठोता-संख्या में व्यक्त किया जाता है। ब्रिनेल कठोरता संख्या ज्ञात करने के लिए प्रयुक्त भार को (किलोग्राम में) उत्पन्न मुद्रांक के पृष्ठ-क्षेत्रफल से भाग किया जाता है। कठोरता निम्नलिखित समीकरण द्वारा ज्ञात की जाती है।
z P
ब्रिनेल कठोरतांक = ————————-
ЛD (D–√ D2 –d2)
जिसमें P प्रयुक्त भार (किलोग्राम में) D गेंद का व्यास (मिलीमीटर में) और d गेंद के मुद्रांक का व्यास (मिलीमीटर में) है। विभिन्न धातुओं की कठोरता ज्ञात करने के लिए p और D2 के अनुपात का नियत मान होता है जो अलग-अलग धातुओं के लिए अलग-अलग होता है। उदाहरणार्थ इस्पात और लोहे के लिए यह मान 30; पीतल, कांसा तथा अन्य मृदु धातुओं के लिए 5, और अत्यंत मृदु धातुओं के लिए 1 होता है।
Hard plating
कठोर लेपन
साधारणतया कठोर क्रोमियम लेपन निक्षेप के संदर्भ में प्रयुक्त शब्द, किंतु वास्तव में इसका प्रयोग पृष्ठ-कठोरता बढ़ाने वाली किसी भी लेपन-प्रक्रम के लिए किया जाता है। अतः इसके अंतर्गत किसी धातु फुहारन तकनीक द्वारा किया जाने वाले लेपन भी आता है। विद्युत-निक्षेपण और विद्युतहीन निक्षेपण के अतिरिक्त इस शब्द का प्रयोग बहुत कम किया जाता है।
कठोर-लेपन के लिए प्रयुक्त सामान्य विधियाँ हैं– कठोर क्रोम लेपन, विद्युतहीन निकैल लेपन, ज्वाला लेपन, धातु फुहारण और वेल्डिंग।
Hard soldering